Bajrang Punia- Indian Freestyle Wrestler Biography बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल

By | August 7, 2022

Bajrang Punia is a freestyle wrestler from India. He competes in 65 kg weight category. He is the only Indian wrestler to win 3 medals at the World Wrestling Championships. Bajrang Punia, The Indian wrestler who is believed to be a guarantee of a medal in Tokyo Olympic. He has improved his game so fast that Bajrang’s name has resonated on the podium of every competition. Today We have discuss about Bajrang Punia- Indian Freestyle wrestler Biography & medals etc.

Latest Update 6th Aug:- बर्मिंघम में बजरंग का स्वर्णिम दांव, जीता गोल्ड मेडल

बजरंग ने 65 किग्रा के फाइनल में कनाडा के मैकनील लाचलान को एकतरफा अंदाज में 9-2 से हराया। टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने मैच की शुरुआत से ही मैकनील पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। उन्होंने कुश्ती के 65 किलोग्राम भारवर्ग में फाइनल में कनेडियन पहलवान लचलान को 9-2 से शिकस्त दी। कुश्ती का मुकाबला छह मिनट का होता है, लेकिन बजरंग ने इन खेलों में शुक्रवार को अपने पहले तीन मुकाबले दो मिनट के अंदर जीते। यानी जितने मिनट में एक कुश्ती मैच होता है, उतने में बजरंग ने अपने पहले तीन मैच जीत लिए थे।

राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार दूसरा स्वर्ण

बजरंग का यह राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार तीसरा पदक और लगातार दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले उन्होंने 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत, 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीता था। वहीं, एक बार फिर बर्मिंघम में उन्होंने स्वर्ण जीता है। जब बजरंग स्वर्ण पदक लेने के लिए पहुंचे तो राष्ट्रगान के वक्त उनकी आखें नम हो गई थीं।

 

Bajrang Punia – Indian Freestyle Wrestler

भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने एशियन गेम 2018 में पुरुषों की 65 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा के फाइनल में जापान के पहलवान तकातानी डियाची को 11-8 से शिकस्त दी। एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के 9वें पहलवान हो गए। बजरंग ने अपना यह गोल्ड मेडल पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया। बजरंग पूनिया का जन्म 26 फरवरी 1994 को हरियाणा के झाझर गाँव में हुआ। इनके पिता का नाम बलवान सिंह पुनिया तथा माता का नाम ओमप्यारी हैं। इनके पिताजी भी एक पेशेवर पहलवान है। बजरंग को कुश्ती विरासत में मिली। बजरंग का बचपन तंगी में बीता। पिता बलवान सिंह बेटे को 35 किमी दूर अखाड़े में ट्रेनिंग के लिए ले जाते थे। वो बस का किराया बचाकर साइकिल से सफर करते थे। Bajrang Punia की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही पूरी हुई। उन्हें उनके पिता द्वारा बहुत सहयोग मिला। बाद में बजरंग ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (MDU Rohtak) से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। बजरंग पूनिया ने भारतीय रेलवे में टिकट चेकर (TTE) का भी काम किया।

Bajrang Punia - Indian Freestyle Wrestler

Indian Freestyle Wrestler Champion Bajrang Punia Biography बजरंग पुनिया की जीवनी

जन्म स्थान खुदान हरियाणा (भारत)
जन्म तिथि 26 फरवरी  1994
कद 1.66 मी
वजन 65 Kg.
खेल फ्रीस्टाइल रेसलिंग कुश्ती
पत्नी संगीता फोगाट
माता -पिता बलवान सिंह पूनिया हरप्यारी देवी
अवॉर्ड अर्जुन अवार्ड -2015, पद्म श्री -2019, राजीव गाँधी खेल रत्न – 2019
धर्म हिन्दू
कोच एमजॉरियस बेंटिनीडी

बजरंग पूनिया के द्वारा अब तक जीते गए मेडल्स – उपलब्धियाँ

बजरंग पूनिया एकमात्र ऐसे भारतीय रेसलर हैं जिन्होंने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में तीन मेडल जीते हैं। 2018 में उन्होंने सिल्वर मेडल जबकि, 2013 और 2019 में उन्होंने ब्रॉज मेडल जीते थे।

एशियन गेम्स में अब तक दो मेडल जीते हैं। 2018 में उन्होंने गोल्ड मेडल जबकि 2014 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।

कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने 2018 में गोल्ड मेडल जबकि 2014 में सिल्वर मेडल जीता था।

एशियन चैंपियनशिप में 7 मेडल जीत चुके हैं जिसमें 2017, 2019 में गोल्ड मेडल, 2021, 2020, 2014 में सिल्वर मेडल और 2013 और 2018 में ब्रॉन्ज मेडल शामिल है।

कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में उन्होंने साल 2016 और 2017 में गोल्ड मेडल जीते थे।

मोबाइल की स्क्रीन पर लगा रखा है गोल्ड मेडल का फोटो

बजरंग पूनिया रूस में टूर्नामेंट के दौरान चोटिल हो गए थे, फिर भी उन्होंने विश्वास दिलाया है कि टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतकर वे अपने उस सपने को साकार करेंगे, जो उन्होंने 2007 में पहली बार दंगल में हिस्सा लेते हुए देखा था। बजरंग ने मोबाइल की स्क्रीन पर गोल्ड मैडल का फोटो लगाया, जो हर दिन उसे ओलंपिक मैडल की याद दिलाता है।

गोल्डन गर्ल – विनेश फोगाट टोक्यो ओलंपिक पदक के दावेदार

टोक्यो ओलंपिक के लिए पत्नी संगीता से रहते है दूर

बजरंग को मिठाई और जंक फ़ूड छोड़े दशक बीत गया है। शादी के बावजूद संगीता फोगाट और बजरंग अलग-अलग है। वो भी ओलम्पिक संकल्प के लिए। 27 साल के बजरंग को टोक्यो ओलंपिक में दूसरी वरियता दी गई है। बजरंग के निजी कोच शाको बेंटिनिडिस के अनुसार, बजरंग अब लेग डिफेंस पर काम कर रहे है।

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