Army Agniveer Bharti Medical Test- Know the Important Guidelines:- भारतीय सैन्य बल में शामिल होने वाले अग्निवीर को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्ट्रॉन्ग होना चाहिए ताकि ये बुरे और तनाव वाली स्थितियों का सामना कर सकें। इनका इसलिए भी स्ट्रॉन्ग होना जरूरी है ताकि ये समुद्र, हवा और दूरदराज के क्षेत्र और विपरीत मौसम में भी काम कर सकें। इनकी तैनाती ऐसी जगह करनी पड़ सकती है जहां कोई चिकित्सीय सुविधाएं या दूसरी मदद नहीं मिलती। कैंडिडेट को ओवरवेट नहीं होना चाहिए। यही वजह है कि मेडिकल टेस्ट में पास होने वाले कैंडिडेट को ही अग्निवीर के तौर पर चुना जाता है। जानिए, क्यों जरूरी है मेडिकल टेस्ट-
अग्निवीर भर्ती में मेडिकल टेस्ट क्यों है जरूरी
अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान होने वाला मेडिकल टेस्ट ही तय करता है कि वो जंग के हालात बनने पर उससे लड़ने के लिए कितने तैयार हैं। कैंडिडेट को बेसिक लेवल के मेडिकल टेस्ट पर खरा उतरना जरूरी है ताकि वो कठिन परिस्थितियों का मुकाबला कर सकें।
कौन करता है मेडिकल टेस्ट
- भारतीय सैन्य बल की मेडिकल सर्विस ही पूरी तरह फिट कैंडिडेट का चुनाव करने के लिए जिम्मेदार होती है। कैंडिडेट का मेडिकल टेस्ट मिलिट्री के डॉक्टर्स लेते हैं। ये ऐसे एक्सपर्ट होते हैं जो इस काम में माहिर होते हैं।
- मेडिकल एग्जाम को डॉक्टर्स का ग्रुप अंजाम देता है। इसमें महिला कैंडिडेट के लिए महिला डॉक्टर की नियुक्ति की जाती है। महिला डॉक्टर न होने पर किसी महिला की उपस्थिति में ही मेडिकल ऑफिसर टेस्ट लेता है।
- अग्निवीर कैंडिडेट मेडिकल टेस्ट से पूर्व छोटी-मोटी दिक्कतों का इलाज करा लें। कानों को साफ करा लें। दांतों से टार्टर हटवा लें। स्किन पर फंगल इंफेक्शन की जांच करा लें। वजन को कंट्रोल करें, फिजिकली फिट रहें।
- मेडिकल बोर्ड का निर्णय ही अंतिम होता है। कैंडिडेट ब्लड, यूरिन, ईसीजी समेत जरूरी जांचों के अलावा विजन, घुटनों और फ्लैट फुट की जांच के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- सिख कैंडिडेट को छोड़कर सभी कैंडिडेट को सलाह दी जाती है कि वो क्लीन शेव हों, क्रू हेयर कट में हो। हेयर कटे हुए होने चाहिए ताकि रिक्रूटमेंट प्रॉसेस के दौरान उनकी पहचान हो।
अग्निवीर मेडिकली कितना फिट होना चाहिए?
सेना में भर्ती के लिए Army Agniveer Bharti Medical Test- Important Guidelines जारी की गई है। कुछ ट्रेड में यह अलग हो सकती है। जानिए, अग्निवीर बनने के लिए कैंडिडेट को कितना फिट होना चाहिए…
- कैंडिडेट को शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट होना चाहिए। किसी भी तरह की बीमारियों से मुक्त होना जरूरी है। शरीर में विकृति नहीं होनी चाहिए।
- किसी तरह के सिंड्रोम, हड्डियों से जुड़ी विकृति, मसल्स और हड्डियों से जुड़ी बीमारी नहीं होनी चाहिए।
- शरीर का कोई हिस्सा अधूरा विकसित न हो ब्लड प्रेशर, ईसीजी सामान्य होना चाहिए। पाचन तंत्र, हार्ट आदि से जुड़ी बीमारी न हो।
- कैंडिडेट का वजन उम्र के मुताबिक होना चाहिए। भारी हड्डियों के मामलों में राहत दी जाती है।
- पुरुष उम्मीदवार का सीना अच्छे से विकसित हो, कम से कम 5 सेमी फुलाव होना चाहिए।
- कैंडिडेट की आंखों की रोशनी कमजोर न हो। सुनने की क्षमता सामान्य हो। कॉर्नियल सर्जरी स्वीकार्य नहीं होगी।
- करेक्टिव ग्लास का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कैंडिडेट के पास नेत्र रोग विशेषज्ञ की मुहर और पंजीकरण संख्या के साथ पर्चा हो, और यह एक महीने से अधिक पुराना न हो। कॉन्टेक्ट लेंस के उपयोग की अनुमति नहीं है।
- कैंडिडेट्स के दांत और मसूढ़े स्वस्थ होने चाहिए। दांतों में विकृति स्वीकार नहीं होगी। कैंडिडेट को पायरिया, हाइड्रोसील और पाइल्स का मरीज नहीं होना चाहिए। नाक में विकृति और टीबी नहीं होनी चाहिए। मानसिक बीमारियों, मिर्गी और यूरिनरी सिस्टम से जुड़ी बीमारी की हिस्ट्री नहीं होनी चाहिए।
- ” बोलने में किसी तरह की समस्या, शरीर के किसी हिस्से में हर्निया, किसी हिस्से को प्रभावित करने वाले धब्बे नहीं होने चाहिए। जेंडर बदलने वाली सर्जरी कराने वाले कैंडिडेट, प्रेग्नेंट महिला कैंडिडेट को स्वीकार नहीं किया जाएगा। महिला उम्मीदवार को प्राइमरी/ सेकेंडरी एमेनोरिया या मेनोरेजिया नहीं होना चाहिए।
अग्निवीर के तौर पर कितना बदलता है जीवन, जान लीजिए
सेना में एक अग्निवीर के तौर पर शामिल होकर कैंडिडेट को काफी कुछ सीखने का मौका मिलता है। इन्हें प्रशिक्षित करने पर काफी ध्यान दिया जाता है ताकि ये वो जिम्मेदारी निभा सकें जो सेना में इन्हें दी जाती है। इस दौरान इनकी फिजिकल, मेंटल, डिसिप्लिन, लीडरशिप स्किल के साथ फिटनेस में भी इजाफा होता है।
ये फायदे भी मिलते हैं
एक अनिवीर के तौर पर कैंडिडेट जो स्किल्स सीखता है उसे उनके सर्टिफिकेट में शामिल किया जाता है। जिसे शिक्षा मंत्रालय भी मान्यता देता है। अग्निवीर के 25 फीसदी बैच को पर्मानेंट तैनाती दी जाती है। इसमें उनकी स्किल्स, परफॉर्मेंस, कम्प्यूटर नॉलेज इत्यादि को देखा जाता है। 75 फीसदी वो कैंडिडेट जिन्हें रेग्युलर कैडर के तौर पर शामिल नहीं किया जाता, ऐसे कैंडिडेट्स के लिए इग्नू 3 वर्षीय विशेष स्किल बेस्ड बैचलर डिग्री प्रोग्राम कराता है। इसमें 50 फीसदी तक स्किल टेनिंग दी जाती है और 50 फीसदी में दूसरे विषय शामिल किए जाते हैं।
अग्निवीर कैसे पाते हैं रेग्युलर कैडर?
चार साल का समय पूरा करने वाले अग्निवीर के हर बैच को रेग्युलर कैडर के तौर पर अप्लाय करने का मौका मिलता है। उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी को रेग्युलर कैडर घोषित किया जाता है। रेग्युलर कैडर मिलने पर आर्मी में 15, नेवी में 20 साल तक काम करना होगा। 4 साल का समय पूरा करने वाले अग्निवीरों को रिटायरमेंट के फायदे नहीं मिलते।
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