Menal Shiva Temple Chittorgarh History In Hindi मेनाल शिव मंदिर चित्तौड़ इतिहास has been describe below in this Page. All the Visitors can know about the Menal Shiva Temple History & its Beautiful visible places etc.
Menal Shiva Temple Chittorgarh- मेनाल शिव मंदिर चित्तौड़गढ़
बेंगू उपखण्ड के अंतर्गत स्थापत्य कला एवं पुरातन विरासत का प्रतीक मेनाल का शिव मंदिर कोटा चित्तौड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। यह मंदिर धार्मिक श्रद्धा और प्रकृति के सौंदर्य का अद्भुत संगम है। बरसाती नदी महानल (वर्तमान में मेनाली नदी) के किनारे स्थित है। यह स्थल बरसात के दिनों में रमणीक बन जाता है।
ऊपरमाल क्षेत्र के खदानों के बीच मेनाली नदी यहाँ आकर 120 फुट की ऊंचाई से नीचे खरल चट्टानों पर गिरती है। बारिश के दिनों में तेज वेग से गिरने वाले जलप्रपात की ध्वनि दूर से ही सुनाई पड़ती है। इसका आनंद लेने के लिए दूर-2 से यहाँ पर्यटक उमड़ पड़ते है। मेनाल शिव मंदिर का निर्माण पत्थर से हुआ है जिसमें जटिल नक्काशीदार खंभे और एक शिवालय है, जिसमे शिव जी की मूर्ति स्थापित हैं। सभी शिव मंदिरों की तरह, इस मंदिर में भी प्रवेश द्वार पर नंदी की एक मूर्ति है। और मंदिर में कुछ खुजराहो मंदिर जैसी चित्रकारी भी की गई है जो इसे मिनी-खजुराहो मंदिर के रूप में लोकप्रिय बनाती है।
राजस्थान के खजुराहो का इतिहास – शिव मंदिर मेनाल
मेनाल के महानालेश्वर शिव मंदिर एवं अन्य मंदिरों का स्थापत्य और मूर्तियों का शिल्पांकन अद्भुत है। मेनाल के शिव मंदिर को राजस्थान का खजुराहो भी कहते है। यह मंदिर चव्हाणों के शासनकाल में शैव संप्रदाय का एक बड़ा मंजिला मठ केंद्र था। जहां ११वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण हुआ। इस मंदिर परिसर में एक गर्भ गृह, एक अंतराल, संवरण छत वाला एक रंगमंडप तथा एक छोटा प्रवेश मंडप के साथ उसके सामने स्थित एक नंदी मंडप स्थित है।
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मंदिर खुलने और बंद होने का समय
अगर आप चितौड़गढ़ में मेनाल शिव मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपको बता दे वैसे तो मेनाल शिव मंदिर 24 घंटे खुला रहता है लेकिन आप सुबह 9.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक जा सकते है, जो मेनाल शिव मंदिर की यात्रा का एक उचित समय माना जाता है। मेनाल शिव मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के प्रवेश और घूमने के लिए निःशुल्क है।
मंदिर के आसपास के प्रमुख स्थल
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग
- विजय स्तम्भ
- कीर्ति स्तम्भ
- महा सती
- गौ मुख कुंड
- राणा कुंभा का महल
- कालिका माता मंदिर
- फतेह प्रकाश पैलेस
- श्यामा मंदिर
- शतीस देओरी मंदिर
- सांवरियाजी मंदिर
- मीरा बाई मंदिर
- रतन सिंह पैलेस
- भैंसरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
- बस्सी वन्यजीव अभयारण्य
- पद्मिनी पैलेस
How to Reach Menal Shiv Mandir
चित्तौड़गढ़ राजस्थान के प्रमुख शहरों जैसे उदयपुर, जयपुर, जोधपुर आदि और पड़ोसी राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग से कालिका मंदिर चित्तौड़गढ़ की यात्रा करना एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। राजस्थान के प्रमुख शहरो से चितौड़गढ़ के लिए नियमित बस सेवा भी उपलब्ध है तो आप अपनी निजी कार, टैक्सी या डीलक्स बसें, एसी कोच और राज्य द्वारा संचालित बसों के माध्यम से मेनाल शिव मंदिर की यात्रा कर सकते हैं।
Rajasthan Tourism Official Site
मंदिर की सुरक्षा पर लाखों खर्च, फिर भी मंदिर क्षतिग्रस्त
मेनाल के आसपास लाल पत्थर की खदान है। पुरातन, ऐतिहासिक एवं स्थापत्यकला की बेहतरीन कारीगरी होने से यहाँ के मंदिर एवं परिसर को पुरातत्व विभाग के अधीन ले रखा है। यहाँ पुरातत्व विभाग की चौकी पर कर्मचारियों को नियुक्त किया हुआ है। सरकार ने इसकी सुरक्षा के लिए लाखों रुपए खर्च किए। सरकार की रोक के बावजूद यहाँ रात के समय खदानों में होने वाले विस्फोट को सुना जा सकता है। इस कारण मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो रहा है।